तामिया विकासखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र खापासानी में पदस्थ सीएचओ श्रीमती आरती नागवंशी ने बताया कि आयोडीन शरीर के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व हैं। प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु 150 माईक्रोम आयोडीन की प्रतिदिन आवश्यकता होती हैं। आयोडीन अल्पता विकार होने पर गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क विकास पर असर पड़ता है, गर्भवती महिलाओं को गर्भपात, पिछड़ा हुआ होना, ऊर्जाहीन शरीर, जागरूकता की कमी, बुद्धि का कम विकास, भैंगापन, गूंगा, बहरापन तथा घेंघा रोग, मरे हुए बच्चे का जन्म, जन्म लेते ही शिशु की मृत्यु, गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क का कम विकास तथा कक्षा में बच्चे का साधारण जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसलिए आयोडीनयुक्त नमक का रोजाना सेवन करना चाहिए।
छिंदवाड़ा डिजिटल डेस्क: मध्य प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार आज 21 अक्टूबर को छिंदवाड़ा जिले में वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस (Global iodine deficiency disorder control day) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं में गर्भवती महिलाओं एवं प्रसूति महिलाओं को आयोडीन के महत्व के संबंध में जानकारी प्रदान की गई और आयोडीन नमक का उपयोग करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ व उपयोग न करने से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में भी बताया गया। इस संबंध में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एन.के.शास्त्री ने जिले के सभी आम नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों एवं अभिभावकों से अपील की है कि वे आयोडीनयुक्त नमक का रोजाना सेवन करें और शारीरिक एवं मानसिक रूप से पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें और आयोडीन की कमी से होने वाले दुष्प्रभाव से स्वयं को सुरक्षित रखें।
आयोडीन की कमी से कई तरह के रोग हो सकते हैं : सीएचओ आरती नागवंशी