MSP For Rabi Corp: केंद्रीय मंत्री मंडल (Union Cabinet) की बैठक में मंगलवार (18 अक्टूबर) को वर्ष 2023-24 रबी सीजन (Rabi Corp) की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को मंजूरी दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सरकार के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपणन सीजन (Marketing Season) 2023-24 के लिए सभी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।
इसमें गेहूँ (Wheat) के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 110 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। जौ में 100 रूपये की, चना में 105 रूपये, मसूर में 500 रूपये, सरसों में 400 रूपये और कुसुम में 209 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है।
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PIB Report |
आपको बता दें वर्ष 2022-23 में गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2015 रूपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ा कर 2125 रूपये किया गया है। जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 1735 रूपये, चना का 5230 रूपये से बढ़ा कर 5335 रूपये, लेंटिल (मसूर) का 5500 से बढ़ा कर 6000 रूपये, रेपसीड/सरसों का 5050 से बढ़ा कर 5450 रूपये और कुसुम का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5441 प्रति क्विंटल से बढ़ा कर 5650 रूपये प्रति क्विंटल किया गया है।
रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बड़ाने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जताया आभार
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा वर्ष 2023-24 में रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी (Shri Narendra Modi) का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि "सशक्त किसान, सशक्त देश"- के ध्येय की प्राप्ति के लिए सतत प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में लिए गए निर्णय के लिए मध्यप्रदेश के किसानों की ओर से मैं प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में लिया गया निर्णय किसानों के कल्याण के साथ ही गाँवों को भी समृद्ध बनाएगा।
क्या होता है न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)?
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है और यह किसानों की उत्पादन लागत से कम से कम डेढ़ गुना अधिक होती है। यह वह कीमत है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। सरकार किसानों से जिस भाव पर अनाज खरीदती है उसे ही न्यूतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) कहा जाता है। किसी फसल का न्यूतम समर्थन मूल्य इसलिए तय किया जाता है ताकि किसानों को किसी भी हालत में उनकी फसल का वाजिब न्यूनतम दाम मिलता रहे। वर्तमान में सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली कुल 23 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करती है। इसकी घोषणा केंद्र सरकार कृषि लागत व मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Costs & Prices, CACP) की सिफारिश पर वर्ष में दो बार रबी और खरीफ के मौसम में करती है।