चावलपानी, तामिया। जिले के तामिया व्लॉक के सीमावर्ती क्षेत्र चांवलपानी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दीपावली के चौथे दिन मड़ई मेला का आयोजन किया गया। जिसमें शुक्रवार 28 अक्टूबर को चावलपानी हाई स्कूल ग्राउंड में मड़ई मेले का भव्य आयोजन किया गया। कोरोना लॉकडाउन की बजय से 2 साल मड़ई मेले का आयोजन नहीं हो सका था जिसकी वजह से इस वर्ष भारी संख्या में ग्रामीण मड़ई मेले में पहुंचे। दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से आए यादव एवं आदिवासी समाज के लोगों ने अहीरी व आदिवासी नृत्य से सबका मन मोह लिया। वही ग्रामीण टोलियों में जगह जगह मोर के पंखों की ढालों के साथ नाचते-गाते संगीत के साथ बैंडबाजा के साथ जुलूस निकालकर मड़ई मेला में पहुंचे। जहां पर गंगो माई दरबार की परिक्रमा की। मान्यता है कि मड़ई में चंडी माता (गंगो माई) की परिक्रमा करने से मनोकामनाएं पूरी होने के साथ साथ प्राकृतिक आपदाओं और भूत प्रेत जैसी बलाओं से मुक्ति मिलती है. मड़ई मेले को देखने के लिए काफी संख्या में आस पास के लोग इकट्ठा हुए थे जिसमें लोगों ने अशोक गुप्ता, संतोष गुप्ता एवं अन्य मिठाई विक्रेताओं द्वारा बनी जलेबी, मावा बर्फी, बेसन के लड्डू आदि मिठाइयों का ग्रामीणों ने जमकर लुप्त उठाया। ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष दिवाली के तीसरे दिन से ही झिरपा - चावलपानी - बम्हनी क्षेत्रों में कई जगह मड़ई मेले का आयोजन किया जाता है जो की पूरे कार्तिक माह तक जारी रहता है।
लोगों ने गंगो माई की परिक्रमा और नृत्य का प्रदर्शन किया
मड़ई मेलों में मोर के पंखों की ढालों के साथ नाचते-गाते संगीत के साथ टोलियों में मेला स्थल में पहुंचे। आपको बता दें प्रत्येक ढाल लगभग 20 फीट लंबी होती है, जिसमें 2000 तक मोर पंख लगाए जाते हैं। मेले में अहीरी नृत्य व आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति का बड़ा महत्व है। मड़ई में शाम के वक्त अहीर (यादव) व आदिवासी समाज के कलाकारों ने परंपरागत चंडी माता की परिक्रमा की और शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी। टोलियां गाते-मांदल बजाते हुए पूजन स्थल पर पहुंची और गंगो माई का पूजन किया।
जमकर बिके सिंघाड़े, मिठाइयां और जलेबी
चावलपानी हाई स्कूल ग्राउंड में मड़ई मेले के आयोजन के दौरान सिंगाड़ा जमकर बिका, वही ग्रामीण क्षेत्र में बनी खोवे की मिठाईयों का ग्रामीणों ने जमकर लुप्त उठाया। मड़ई मेले में आए ग्रामीणों ने जमकर सिंघाड़े खरीदे। साथ ही चाट, पकौड़ी, पीड़े गोलगप्पा व मिठाइयों का भी लोगों ने आनंद उठाया। लोगो ने शक्कर व गुड़ की बनी मिठाईयों व जलेबियां भी खरीदीं जिसे वे शाम को घर पर परंपरागत तरीके से पूजन कर सह - परिवार लुप्त उठाएंगे। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र से आई महिलाओं के बीच मनिहारी की दुकानें, बच्चों के लिए खिलोने की दुकाने आकर्षण का केन्द्र रहीं। क्षेत्र की प्रसिद्ध मड़ई होने के साथ ही 2 वर्ष बाद आयोजित इस मड़ई का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया। साथ ही विभिन्न प्रकार के विशेष परिधान पहनकर हरकपुरा, मानेगांव, खापासानी, चावलपानी, बम्हनी, पठाई, बम्होरी व जमुनिया के यादव एवं आदिवासी समाज के लोगों ने अहीरी एवं गोंडी नृत्य प्रस्तुत किया जिसका ग्रामीणों ने जमकर लुप्त उठाया।
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