ख़ास ख़बर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से एवं विलेज वेज के तहत जिले के आदिवासी विकासखंड तामिया के सावरवानी गांव को पर्यटन ग्राम बनाया गया है, जो अब देसी और विदेशी पर्यटकों से गुलजार हो रहा है। सावरवानी में इन दिनों यूके से आए टूरिस्ट जीन पाउल माल्लार्ड व उनकी पत्नी जान माल्लार्ड होम स्टे कॉटेज में रुके हैं, जिन्हें यह गांव भा गया है। वे बीते तीन दिनों से यहाँ की लोक संस्कृति से रूबरू हो रहे है और बैलगाड़ी की सवारी, देशी लोक नृत्य, लोकल खान-पान इत्यादि का लुफ्त उठा रहे हैं। सावरवानी होम स्टे कॉटेज में रुके इन विदेशी मेहमानों ने यहां के घरों में प्रचलित देशी आटा चक्की को अपने हाथों से चलाकर देखा और इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। बाद में इसी देसी चक्की के आटे से मिट्टी के चूल्हे में पकी हुई रोटियों का स्वाद भी चखा।
विदेशी मेहमान गांव में प्रचलित आटा चक्की को अपने हाथ से चलाकर देखते हुए। |
जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी श्री बलराम राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से सतधारा के निकट सावरवानी ग्राम में 9 होम स्टे बने हैं, जिसमें से 6 को शुरू किया गया है। अब यहाँ पर्यटकों का आवागमन भी शुरू हो गया है। हाल ही के दिनों में विदेशी पर्यटक यहां रुके और घूमने-फिरने के साथ ही यहाँ की लोक संस्कृति को जाना है। सुबह से शाम तक यह पर्यटक अन्य गतिविधियों के साथ आदिवासी भोजन का भी पूरे उत्साह से आनंद ले रहें हैं। आपको बता दें मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की होम स्टे योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही ग्राम की तरक्की के रास्ते भी खुले हैं। आपको बता दे ये चक्की दो सपाट, गोल पीसने वाले पत्थरों से बनी होती है, जिन्हें एक के ऊपर एक रखा जाता था। यह घर के एक कोने में रखी होती थी जिसमें गेहूं, मक्का, चना और बाजरा जैसे अनाज को हर दिन ताजा पीसा जाता था और परिवार की सभी महिलाएं इस दैनिक अनुष्ठान में भाग लेती थी, गाना गाती हुए धीमे - धीमे अनाज पीसती जाती थी और इस तरह से तैयार हुए आटे से वे शाम को मिट्टी के चूल्हे में लकड़ी जलाकर और एक मटके की खोपड़ी जिसे खपरी भी कहते है से स्वस्थ रोटियां पकाकर परिजनों को परोसती थी। ग्रामीण इलाकों में ये आज भी देखने को मिलती हैं इन चक्कियों में चुन्नी, बेसन, दलिया, आटा और दालें बनाई जाती है।
ग्रामीण पर्यटन से रूबरू होते यूके के मेहमान। |
ग्रामीण पर्यटन से गांवों के आर्थिक विकास के साथ हमारी विरासत को भी मिलेगी नई ऊर्जा :
ग्रामीण पर्यटन के लिए मध्य प्रदेश अपनी सांस्कृतिक, ऐतिहसिक, आध्यात्मिक और प्राकृतिक विरासतों के समृद्ध है। हमारे गांव पर्यटन की एक समृद्ध विरासत हैं, जो देश के साथ विदेशी लोगों को अपनी ओर खींच लाते हैं। गांव दिलों को छूने वाली एक आनंदमयी अनुभूति देते हैं। सरकार ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में होम स्टे जेसी योजनाएं लाई है. सरकार का उद्देश्य समुदायों को कुशल बनाना और उन्हें पर्यटन शृंखला से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, ताकि वे अपना इको होम स्टे चला सकें, भंडारण सेवाएं संचालित कर सकें, गाइड, टूर आपरेटर आदि के रूप में कार्य कर सकें।
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